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आगे उन्होंने कहा की बिहार के हर पंचायत और प्रखंड में हजारों एकड़ जमीन ऐसी है, जहां स्थायी रूप से अधिक मात्रा में पानी भरा रहता है। वहीं, दक्षिण बिहार में सूखे की समस्या बनी हुई है, जंहा पानी पहुंच ही नहीं रहा है। उनके द्वारा स्पष्ट किया गया कि जब जन सुराज का विजन डॉक्यूमेंट जारी किया जाएगा, उसमें बाढ़ के बारे में कोई अलग से योजना नहीं होगी, बल्कि जल प्रबंधन से संबंधित समग्र योजना प्रस्तुत की जाएगी। विजन डॉक्यूमेंट में एक समन्वित जल प्रबंधन योजना होगी, जिसमें बाढ़, जल जमाव एवं सूखे की समस्याओं का एक साथ समाधान किया जाएगा। कोसी प्लान, गंडक प्लान या सोन कनाल जैसी अलग-अलग योजनाओं के बजाय एक इंटीग्रेटेड प्लान होगा, जो तीनों समस्याओं का समग्र समाधान करेगा।
प्रशांत किशोर के द्वारा यह भी कहा गया कि बाढ़ की समस्या का एक कारण यह भी है की इंजीनियरों और अधिकारियों के द्वारा अपने निजी लाभ के लिए बढ़ाया जा रहा है। गांवों में लोग बता रहे हैं कि ठेकेदार बांधों में खुद छेद करवाते हैं, ताकि बाढ़ नियंत्रण के नाम पर अधिक धन आवंटित किया जा सके और उसमें भ्रष्टाचार किया जा सके। प्रशांत किशोर कहा कि हमें केवल बाढ़ नियंत्रण नहीं करना है, बल्कि इस जल को, जो अभी अभिशाप बना हुआ है, बिहार की एक बड़ी ताकत में बदलना है।