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इसकी जानकारी बिहार राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक जय सिंह ने पश्चिम चंपारण के बंदोबस्त पदाधिकारी को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी है। निदेशालय की ओर से निर्गत पत्र में सर्वेक्षण के दौरान कैथी में लिखे खतियान पढ़ने में आ रही दिक्कत का जिक्र करते हुए जिला स्तरीय प्रशिक्षण की बात कही गई है। बताया गया है कि कैथी लिपि के प्रशिक्षण के लिए सरकार ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कालर प्रीतम कुमार और छपरा के मोहम्मद वाकर को नियुक्त किया है। जो 17 से 19 सितंबर तक बंदोबस्त कार्यालय पश्चिम चंपारण के सभी कर्मचारियों व पदाधिकारियों को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देंगे। वही प्रशिक्षण में जमीन सर्वे से जुड़े तमाम लोगों को अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा गया है। प्रशिक्षण के दौरान कैथी लिपि के मगध, मिथिला और चंपारण की विविधताओं की भी जानकारी दी जाएगी।
इस प्रशिक्षण शिविर के लिए सभागार और अन्य आवश्यक सुविधा की व्यवस्था जिला मुख्यालय की ओर से की जाएगी। प्रशिक्षकों को कक्षावार मानदेय का भुगतान किया जाएगा। वही इसकी जानकारी देते हुए प्रीतम ने बताया कि वे कई जगहों पर कैथी लिपि का प्रशिक्षण दे चुके हैं। रघुनंदन उच्च विद्यालय के टापर छात्र रहे प्रीतम पढ़ाई के दौरान दो विषयों खनन विज्ञान और इतिहास को प्राथमिकता दी। वे वर्तमान में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में कैथी लिपि में रिसर्च स्कालर हैं। साथ ही, खनन विज्ञान पर प्रीतम आनलाइन क्लास भी दे रहे। तिलकामांझी यूनिवर्सिटी भागलपुर मैथिली विभाग ने कैथी और तिरहुता लिपि के लिए सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है। शनिवार और रविवार को दो शिफ्टों में उन्हें प्रशिक्षक (शिक्षक) के तौर पर रखा है। प्रीतम तीन भाइयों में तीसरे नंबर पर हैं। पिता सेवानिवृत्त शिक्षक हैं। माता गृहिणी हैं।