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बिहार के स्कूलों में छुट्टी में कटौती के फैसले को सरकार ने लिया वापस

Bihar: बिहार के स्कूलों में छुट्टी में कटौती के फैसले को सरकार ने वापस ले लिया है, शिक्षकों के विरोध के बाद सोमवार को शिक्षा विभाग बैकफुट पर आ गई है, तीज, रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण पर्व की छुट्टी रद्द कर दी गई थी जबकि छठ दीपावली की छुट्टियों में कटौती की गई थी, हालांकि शिक्षा विभाग ने 5 दिन के अंदर ही इस आदेश को वापस ले लिया है, इससे सम्बंधित आदेश 4 सितंबर को शिक्षा विभाग ने जारी कर दिया है।

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छुट्टियों में कटौती का आदेश 29 अगस्त को जारी किया गया था, जिसके बाद रक्षाबंधन के दिन भी शिक्षक ड्यूटी पर पहुंचे थे खगड़िया में ड्यूटी कर रहे एक शिक्षक सुनील कुमार ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक पर जमकर भड़ास निकाली थी जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया था, शिक्षक सुनील कुमार गुप्ता पर कार्रवाई को लेकर विभिन्न शिक्षक संगठनों में आक्रोश था शिक्षक संघ ने 5 सितंबर को प्रतिशोध दिवस मनाने का ऐलान किया था लेकिन इस आंदोलन से एक दिन पहले ही शिक्षा विभाग ने अपना फैसला वापस ले लिया है।

शिक्षा विभाग ने रक्षाबंधन, हरितालिका व्रत तीज, जिउतिया, विश्वकर्मा पूजा, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, भाई दूज, गुरु नानक जयंती जैसे कई पर कई त्योहारों पर छुट्टियां रद्द कर दी थी वहीं दीपावली, दशहरा और छठ की छुट्टियों में भारी कटौती की गई थी, हालांकि बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने कहा शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा अभी सरकार ने सिर्फ हमारी एक मांग को माना है, बिहार में ऐसे पर्व पर छुट्टी कम करने पर बवाल मच गया था शिक्षक काफी नाराज थे 28 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी विद्यालयों में लगभग 23 छुट्टियां थी, जिसे घटाकर शिक्षा विभाग ने 11 कर दिया था पहले दीपावली से छठ पूजा तक के लिए लगातार छुट्टियां रहती थी 9 दिन की छुट्टी को घटाकर सिर्फ 4 दिन किया गया था दीपावली में एक दिन, चित्रगुप्त पूजा में एक दिन और छठ में 2 दिन की छुट्टी दी गई।

छुट्टियों में किए गए बदलाव पर शिक्षा विभाग का कहना है कि अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्राथमिक विद्यालयों (कक्षा 1-5) में कम-से-कम 200 दिन, मध्य विद्यालयों (कक्षा 6-8) में कम-से- कम 220 दिनों का कार्य दिवस होना जरूरी है, चुनाव, परीक्षा, त्योहार, प्राकृतिक आपदाओं के कारण विद्यालयों में पढ़ाई प्रभावित होती है इसके साथ ही त्योहारों के मौके पर विद्यालयों के बंद होने की प्रक्रिया में भी एकरूपता नहीं है किसी त्योहार में किसी जिले में स्कूल खुले होते हैं तो किसी में बंद, स्कूलों के संचालन में एकरूपता के लिए ही साल 2023 के बचे दिनों के लिए यह बदलाव किया गया है।

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