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जिसके बाद बदरे आलम ने लात मार दरवाज़े को तोड़ा और घर के अंदर गए तो सारे दरवाज़े बाहर से बंद थे। जैसे ही वह उस कमरे में गए जिसमें उनकी नतनी सायदा और बेटी गुलशन सोयी थी तो देखा की दोनों खून से लतपथ पड़े है। उसके बाद उन्होंने शोर मचाया तो पड़ोसी अरमान मेहंदी उनके घर मे आये। जिसके बाद डायल 112 को कॉल कर घटना की जानकारी दिया। जिसके बाद मौके पर पहुंची डायल 112 की पुलिस मौके पर पहुंची और घायलों को लेकर रिविलगंज पीएचसी पहुंची, जहां उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए चिकित्सक ने उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया एवं गुलशन खातून को चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। गुलशन खातुन की शादी नगर थाना क्षेत्र के रौजा चौक निवासी मोहम्मद मंटू के पुत्र मोहम्मद हाशिम से हुई थी। वह बदरे आलम की सात संतानों में सबसे छोटी थी।
हालांकि मृतिका गुलशन की शादी के 2 माह बाद ही घरेलू विवाद को लेकर उसे घर ले आये थे, तब से वह मायके में ही रह रही थी। दामाद उनके घर आकर रहता था और वहीं से काम की खोज में पटना और दिल्ली आता-जाता था। उन्होंने बताया कि जब सदर अस्पताल में सायदा थोड़ा होश में आई तो उसने बताया कि एक आदमी ने जिसने अपना चेहरा सफेद गमछे से ढंक रखा था। उसने गुलशन और सायदा पर दर्जनों बार चाकू से प्रहार किया और फिर छत के रास्ते भाग गया। अपने दामाद मोहम्मद हाशिम के बारे में उन्होंने बताया कि वह पेंटर का काम करते है और अभी दिल्ली में है लेकिन वह शराब पीते था और गाली -गलौज करते हुए जान मारने की धमकी देता था।
वही मृतका के ससुर मोहम्मद मंटू ने बताया की थोड़ा विवाद तो होता था। हम लोग बार बार विदाई के लिए जाते थे लेकिन विदाई नही किया जाता था। सायदा उनकी दूसरी पुत्री की बेटी है। जिसकी शादी रिविलगंज थाना क्षेत्र के टेकनिवास निवासी शौकत अली हुई है। सायदा बचपन से ही अपने नाना के घर आ रहे थी। इस संबंध में रिविलगंज थानाध्यक्ष सुभाष कुमार पासवान ने बताया कि पुलिस हत्या के सभी बिंदुओं पर जांच पड़ताल कर रही है। अभी तक परिजनों द्वारा कोई आवेदन नहीं दिया गया है। पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेज दिया है।