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एनआइए टीम के द्वारा बताया गया की शंकर यादव के ठिकाने से 1 करोड़ 30 लाख रुपये बरामद किया गया है। अमन साहू का भाई आकाश साहू शंकर यादव के बरारी स्थित घर पर पनाह लेता था। गैंग की तरफ से वसूली गई लाखों की रकम को शंकर जमीन और अन्य धंधों में निवेश किया करता था। तीन वाहनों में पहुंची टीम शंकर यादव के आवास के मुख्य द्वार पर पहुंची ही थी कि अंदर मौजूद परिवार के सदस्यों ने मुख्य द्वार अंदर से लाक कर दिया। टीम के अधिकारियों ने पुलिस जवानों को आवास से सटे एक पेड़ के सहारे चारदीवारी के अंदर दाखिल कराते हुए मुख्य द्वार का लाक खुलवाया गया। फिर टीम अंदर प्रवेश कर गई। किलेनुमा घर के अंदर प्रापर्टी डीलर के परिवार के सदस्यों को टीम के आगमन की विधिवत जानकारी दे छापेमारी में सहयोग को कहा गया। इस दौरान एक महिला सदस्य मकान के पिछले हिस्से में निर्माणाधीन लिफ्ट वाली जगह पर बैग फेंकते मिल गई। पुलिस जवानों के सहयोग से बैग को टीम के अधिकारियों ने आपने कब्जे में ले लिया। टीम को घर के अंदर लाखों रुपये नकदी, जेवरात, बेशकीमती भूखंडों के दस्तावेज, एग्रीमेंट पेपर, बांड आदि मिले हैं। टीम के अधिकारियों ने रुपये गिनती करने के लिए घर के अंदर मशीन और खाली बक्से भी मंगा रखी है। वही टीम में शामिल एक अधिकारी ने बताया की घर के अंदर मिले नकदी, जमीन के दस्तावेज, जेवरात को लेकर पूछताछ में शंकर यादव के पारिवारिक सदस्य सही से जवाब नहीं दे पा रहे हैं। उन्हें अलग-अलग कर टीम पूछताछ कर रही है।
इनकम टैक्स की टीम आवासीय परिसर में लगी महंगी लग्जरी कारों और अधिक नकदी को देखते हुए प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों से भी संपर्क साधा है। आयकर की छापेमारी में शंकर के कई सहयोगियों की भी जानकारी टीम को हाथ लगी है। आयकर सूत्रों के अनुसार जमीन से जुड़े दस्तावेज और एग्रीमेंट पेपर के अलावा एक डायरी भी हाथ लगी है जिसमें नवगछिया के सधुआ चापर, गोपालपुर प्रखंड के तेरासी, पंचगछिया, सैदपुर, तिनटंगा करारी के अलावा मधेपुरा के चौसा, लौआलगाम, भागलपुर के बाइपास, नाथनगर, मधुसूदनपुर, सबौर और बरारी के कई प्रापर्टी डीलर के नाम, मोबाइल नंबर, रुपये के लेनदेन आदि का जिक्र है। वही रंगरा चौक प्रखंड, नवगछिया में प्रखंड प्रमुख संजीव कुमार यादव उर्फ मोती यादव के सधुआ चापर गांव स्थित घर पर एनआइए की छापेमारी गुरुवार की सुबह हुई। सर्च वारंट लेकर पहुंची टीम ने अपना परिचय दे तलाशी शुरू की। छापेमारी के दौरान मोती घर पर नहीं थे। पारिवारिक सदस्यों से टीम पूछताछ बाद घर की करीब 7 घंटे तक तलाशी और पूछताछ की। इस दौरान रंगरा थाने की पुलिस भी मौजूद रही। मोती के विरुद्ध एनआइए ने पूर्व में केस दर्ज किया था।