Bihar: पटना, जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर के द्वारा कटिहार जिले में जन संवाद के दौरान सीएम नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा गया की नीतीश सरकार के अधिकारियों द्वारा उनकी ही बात नहीं सुनी जाती है। आज बिहार में मुख्यमंत्री की ना तो दरोगा बात सुनते हैं, ना ही इंस्पेक्टर और ना ही बिहार के शिक्षक और न ही बैंक।
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आगे उन्होंने कहा की आज बिहार के लोगों के मेहनत से जमा किया हुआ धन बैंकों द्वारा तमिलनाडू, गुजरात आदि राज्यों को दिया जा रहा हैं। जिसका परिणाम यह है की मजदूर बिहार के, पूँजी बिहार की जनता की लेकिन फैक्ट्री के मालिक तमिलनाडू और गुजरात के लोग हैं। उसके बाद उन राज्यों में बनी वस्तु को बिहार में आयत किया जाता है और लोगों को महंगे दरों पर खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा हैं।
यह बिलकुल ब्रिटिश शासनकाल के जैसा है। जैसे की ब्रिटिश शासनकाल में कपास और नील की खेती बिहार में होती थी पर फैक्ट्री इंग्लैंड में थी जिससे हमारे ही कच्चे माल से बनी वस्तु को हमें ही उच्च दरों पर बेचा जाता था। यह अत्यंत दुर्भाग्य की बात है कि आज भी बिहार की वही स्थिति बनी हुई हैं। यदि बिहार के बैंक नितीश सरकार की बात सुनते या फिर RBI के नियमों का पालन करते तो केवल बिहार की जनता के पैसों से हर वर्ष बिहार में 2 लाख करोड़ का अतिरिक्त निवेश होता। जिससे बिहार के लोगों को दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी नहीं करनी पड़ती।