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नितीश कुमार जीतने के बाद फिर बादशाह बनने लगेंगे कि अब हम से ज़्यादा पॉपुलर नेता कोई नहीं है। जबकि सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार की राजनीतिक पारी का अंत हो गया है। ये अंतिम दौर चल रहा है। जब तक कुर्सी पर हैं एक महीना, दो महीना, साल भर अगले चुनाव तक हाथ पैर मार कर समीकरण बना लें। अगला जब विधानसभा का चुनाव होगा तो चाहे वो भाजपा के साथ लड़े या महागठबंधन के साथ लड़े या चाहे अकेले लड़ जाए। नीतीश कुमार के दल जदयू को 20 सीट नहीं आएगा।
आगे प्रशांत किशोर ने कहा कि चाहे वो भाजपा के साथ रहकर चुनाव लड़े, चाहे मोदी जी आकर उनका प्रचार कर लें तब भी नीतीश जी 20 सीट से ज़्यादा नहीं जीत पाएंगे। मै भाजपा वालों को भी चुनौती देता हूं कि अगर भाजपा के नेतृत्व को दम है तो घोषित करें कि नीतीश कुमार अगले मुख्यमंत्री होंगे और चुनाव लड़कर दिखा दें। विधानसभा का, BJP को भी अपनी औकात दिख जाएगी। नीतीश कुमार को अपने कंधे पर बैठाकर कितने दिन ये लोग बिहार की जनता के आंख में धूल झोकेंगे। पिछली ही बार बिहार की जनता ने 42 पर उतार दिया था इस बार बिहार की जनता नीतीश कुमार को इतना नीचे कर देगी की भाजपा चाहेगी तब भी कुछ नहीं कर सकती है।