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साथ ही प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशान साधते हुए कहा की बिहार के जनता ने खूब वोट दिया है न, नरेंद्र मोदी को तो उनकी जाति के कितने लोग बिहार में रहते हैं, एक भी नहीं रहते हैं। लेकिन लोगों ने ऐसा समझा कि मोदी को वोट देंगे तो हमारा विकास होगा। इसीलिए बिहार की जनता ने जाति और धर्म की सोच से ऊपर उठकर नरेंद्र मोदी को वोट दिया था। लेकिन उन्होंने बिहार के विकास के लिए एक बैठक तक नहीं की। अब तक नरेंद्र मोदी ने काम नहीं किया, वो अलग बात है।
प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं बस अभी 15 महीने से ही पैदल चल रहा हु तो लोग कह रहे हैं कि भइया अपना घर-परिवार को छोड़कर ये पैदल चल रहे हैं। लेकिन बिहार के जितने भी लोग हैं इनके परिवार के नौजवान तो 10 से 15 सालों से अपना घर छोड़कर बाहर ही रह रहे हैं। कभी छठ में या किसी शादी-विवाह में बस 10 से 15 दिनों के लिए वो व्यक्ति घर आया। हमने तो 15 महीने से अपना घर छोड़ा है तो लोग हमें समझ रहे हैं कि हम बहुत महान आदमी हैं, साधु-महात्मा हैं। आपका बच्चा तो 15 सालों से बाहर रह रहा है। एक बार यहां बच्चा 20 साल का हो गया, तो वो झोला लेकर चला गया मजदूरी करने के लिए। जब तक उसके शरीर में ताकत है उसको बाहर ही रहना है और मजदूरी ही करना है।