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लेकिन, बिहार के नजरिए से मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि नीतीश कुमार के इस तरह के पलटूराम राजनीति का करीब-करीब अंतिम समय आ गया है, उनकी राजनीति का यह अंतिम दौर चल रहा है। दो, चार, पांच महीना जितना चलता है चल लें। लोकसभा चुनाव के बाद उनका और उनके दल का औपचारिक तौर पर विघटन शुरू हो जाएगा।
अगला विधानसभा चुनाव आते-आते जेडीयू का कोई अस्तित्व आज के स्वरूप में नहीं बचेगा। आपको बता दे की जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बेगूसराय के बरौनी ब्लॉक में कुल 11.2 किलोमीटर तक की पदयात्रा की। इस दौरान वे हामोडीह, नीनगा, बलवारा, मैदा बाभनगामा, साहुरी तक गए। इस दौरान कई जगहों पर रुककर जनसंवाद किया और लोगों को उनके वोट की ताकत का एहसास दिलाया।