Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
साथ ही उन्होंने कहा कि 2 अक्टूबर को जन सुराज से जुड़े लोग पार्टी बनाएंगे। उनका नेता कौन होगा ? संविधान क्या होगा ? विचाराधारा क्या होगी ? यह सब तय किया जाएगा। जिसमे प्रशांत किशोर कहीं नहीं होंगे। प्रशांत किशोर अब तक जिस भूमिका में है उसी भूमिका में 2 अक्टूबर के बाद भी नजर आएंगे। प्रशांत किशोर की पदयात्रा आगे भी निरंतर जारी रहेगी। इस मौके पर प्रशांत किशोर ने बेरोजगारी, पलायन, शिक्षा व्यवस्था, भूमि सुधार, खेती किसानी, जल संसाधन ,फसलों की कीमत, अवैध शराब, बालू, अनाज माफिया से जुड़े कई मुद्दे को उठाया और कहा कि जन सुराज की पद यात्रा में अब तक ये समस्या सबसे ज्यादा सुनी गई है।
इसका कारण क्या है ? इसे भी उनके द्वारा बताया गया। उन्होंने बताया बिहार की समता मूलक शिक्षा नीति सिर्फ कहने को है। धरातल पर कुछ भी नहीं है। अफसरशाही का जबरदस्त बोलबाला है। जो खेती कर रहे हैं, वे पेट के लिए कर रहे हैं और वे कमाने बाहर जा रहे हैं। फसलों की सही कीमत नहीं मिल रही है। जाति के नाम पर राजनीति हो रही है। इन तमाम समस्याओं ने बिहार को खोखला बना दिया है। जन सुराज इन्ही समस्याओं पर लोगों से चर्चा कर एक करोड़ लोगों को जोड़ा है। वही एक करोड़ लोग बिहार का भविष्य आगे तय करेंगे।