Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत नगर पंचायत हाटा बस स्टैंड के समीप पोखरा के जीवनोद्धार के कार्य में अनियमितता का मामला देखने को मिला है, मामले में मौखिक शिकायत के बाद आनन-फानन में कार्य को पूरा कर दिया गया, ताकि अन्य सवाल ना उठें।
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मामले में मिली जानकारी के मुताबिक नगर पंचायत हाटा के हाटा खरिगांवा मार्ग में स्थित शिव मंदिर के बगल में स्थित पोखरे का जीवनोद्धार नगर पंचायत हाटा के माध्यम से 70 लाख के लागत से घाट का निर्माण किया जा रहा है, घाट के निर्माण के दौरान घाट के मजबूती के लिए जगह-जगह पायलिंग के बाद जमीन पर छड़ बिछाकर स्लैप की ढलाई उसके बाद सीढ़ी का निर्माण किया जाना था।
ग्रामीणों के मुताबिक प्राक्लन के अनुसार पायलिंग में 12 एमएम का छड़ और जमीन पर स्लैप की ढलाई में 10 एमएम का छड़ इस्तेमाल में लाना था मगर संवेदक आलोक सिंह द्वारा करवाए जा रहे कार्य में पायलिंग में 10 एमएम का छड़ जबकि जमीन पर ढलाई होने वाले स्लैप में 8 एमएम का छड़ उपयोग में लाया गया।
जिसपर ग्रामीणों से मिली मौखिक शिकायत के आधार पर जब इस मामले में हाटा के ईओ शिवम सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया घाट निर्माण में कहाँ-कहाँ कितने एमएम का छड़ इस्तेमाल हुआ है, इसकी जांच संबंधित जेई से करवाएंगे, और खुद स्थल का निरीक्षण करेंगे, अगर संवेदक द्वारा प्राक्कलन के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है तो उनके विरुद्ध एक्शन लिया जाएगा।
इस आश्वासन के महज 2 दिन बाद बिना जांच हुई ही, जमीन पर की गई स्लैप की ढलाई के ऊपर सीढ़ीयों की ढलाई आनन फानन में कर दी गई, ताकि स्लैप में इस्तेमाल किया गया 8 एमएम का छड़ ना दिखे, दोबारा फिर जब इस ढलाई के बाद नगर पंचायत के ईओ शिवम सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया जेई से रिपोर्ट मांगी गई थी, मगर उनके द्वारा अभी कोई रिपोर्ट प्रस्तुत नहीं किया गया है, जबकि दूसरी तरफ आनन फानन में सीढ़ियों की ढलाई कर दी गई, ताकि घाट निर्माण के दौरान हुई अनियमितता को छुपाया जा सके, इस तरह के कार्य से स्थानीय ग्रामीणों में काफी असंतोष है एवं विभाग के कार्यकलापों पर भी सवाल उठ रहा है।