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आपको बता दे की बारसोई की सीडीपीओ रहने के दौरान इंटरनेट मीडिया पर अनिता कुमारी का एक आडियो क्लिप प्रसारित हुआ था, जिसमें हर आंगनबाड़ी केंद्र से हर महीने 3 हजार रुपये वसूली के संबंध में लेनदेन की बात सामने आई थी। मामले में पर्यवेक्षिका ने बारसोई अनुमंडल पदाधिकारी को आवेदन भी दिया था। कटिहार के तत्कालीन जिलाधिकारी ने अनिता के विरुद्ध पत्र भी जारी किया था। जिला स्तर पर संयुक्त जांच दल ने आडियो की जांच की थी। इसमें आरोपित अधिकारी और सेविका के पति मंजर आलम के बीच बातचीत थी। आरोपित अधिकारी ने स्वीकार किया था कि आवाज उसी की है। इसके अलावा अनिता पर पूरक पोषाहार कार्यक्रम में अनियमितता बरतने, फर्जीवाड़ा एवं जालसाजी करने, आंगनबाड़ी विकास समिति के सदस्यों का फर्जी हस्ताक्षर करने, एक ही विपत्र दो बार पारित करने, लाभार्थियों की संख्या का सत्यापन किए बिना आंगनबाड़ी केंद्रों को मनमानी राशि उपलब्ध कराने, स्थायी दलालों के माध्यम से पोषाहार का वाउचर इक्कठा करने और उस पर फर्जी हस्ताक्षर बनाकर अनुमोदन के लिए दबाव बनाने के भी आरोप लगे हैं।
जनवरी एवं फरवरी 2022 की तुलना में मार्च एवं अप्रैल में लगभग डेढ़ गुणा अधिक राशि बिना किसी उचित कारण के केंद्रों को दी गई, जिस कारण पोषाहार का वितरण नहीं हो सका। बारसोई सीडीपीओ रहने के दौरान 2022 में अनिता पर पोषाहार का 1500 क्विंटल चावल पश्चिम बंगाल में ले जाकर बेचने के प्रयास करने का आरोप लगा था। विभाग ने आरोपों के मद्देनजर इसी साल अगस्त एवं सितंबर में अनिता से स्पष्टीकरण मांगा था, जिसका उन्होंने जवाब भी दिया था। अनुशासनिक प्राधिकार ने मामले की समीक्षा की थी, जिसमें भ्रष्टाचार के साक्ष्य मिले। इसके बाद समाज कल्याण विभाग के अपर सचिव नवीन कुमार सिंह के द्वारा कार्यवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया गया।