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पुलिस के द्वारा जेसीबी लेकर घर पहुंचते ही न्यायालय में सुभाष यादव ने किया सिलेंडर

Bihar: पटना जिले के बिहटा थाने में रंगदारी और रुपए हड़पने के मामले में आरोपित राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद  यादव के साले व पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष प्रसाद उर्फ सुभाष यादव के घर की कुर्की करने मंगलवार की दोपहर जैसे ही पुलिस जेसीबी के साथ पहुंची तो उन्होंने पटना सिविल कोर्ट के एमपी/एमएलए विशेष न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।

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इस मामले में सुभाष यादव के अलावा उनकी पत्नी रेणु देवी, उनके पुत्र समेत 7 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। सुभाष यादव का घर हवाईअड्डा थाना क्षेत्र के कौटिल्य नगर की विधायक कालोनी स्थित प्लाट संख्या 201 पर है। जंहा इस पते पर बिहटा थाने के तत्कालीन अंचल निरीक्षक कमलेश्वर प्रसाद सिंह के द्वारा 15 दिन पूर्व 30 जनवरी को आत्मसमर्पण करने के लिए इश्तेहार चिपकाया गया था। इश्तेहार की अवधि पूरी होने के बाद दानापुर एएसपी दीक्षा के नेतृत्व में बिहटा थाने की पुलिस कोर्ट से आदेश लेकर सुभाष यादव की चल-अचल संपत्ति कुर्क करने आई थी। हालांकि, उनके सरेंडर करने की सूचना पाते ही पुलिस टीम वंहा से लौट गई। एएसपी के द्वारा बताया गया की  न्यायालय से सुभाष यादव के सरेंडर करने की सूचना आते ही कार्रवाई रोक दी गई।

आपको बता दें कि पिछले वर्ष 4 मई को नेउरा ओपी क्षेत्र के बेला गांव निवासी भीम वर्मा ने पूर्व राज्यसभा सदस्य सुभाष यादव, उनकी पत्नी, पुत्र समेत 7 आरोपितों के विरुद्ध लिखित शिकायत की थी। भीम ने नेउरा ओपी में आवेदन दिया था। उस समय बिहटा थाने में नेउरा ओपी में आए आवेदनों पर प्राथमिकी होती थी, लेकिन कांड का अनुसंधानकर्ता तत्कालीन ओपी प्रभारी प्रभा कुमारी को बनाया गया था। भीम के द्वारा आरोप लगाया गया था कि अरुण कुमार उर्फ मुंशी उर्फ मुखिया ने उनके पिता सुरेश वर्मा से एक भूखंड का एग्रीमेंट कराया था, लेकिन 3 साल बाद भी उसने रजिस्ट्री नहीं करवाई। उसके पास ही एग्रीमेंट का मूल कागज भी था। 27 फरवरी 2021 को सुभाष यादव ने भीम को कॉल कर माता-पिता को आवास पर लाने के लिए कहा। वहां अरुण पहले से मौजूद था। अरुण की सहमति पर भीम ने अग्रिम राशि के रूप में 60 लाख 50 हजार रुपये सुभाष यादव के हाथ में दे दिया। यह रकम वापस नहीं मिली। इसके अलावा पूर्व सांसद और उनके लोगों ने बंदूक की नोक पर उक्त भूखंड रजिस्ट्री उनकी पत्नी रेणु देवी के नाम पर करवा ली थी।

 

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