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जिला पदाधिकारी ने स्पष्ट कहा है कि ऐसे सरकारी कर्मी डिस्चार्ज किए जाएंगे। जिला पदाधिकारी की कार्रवाई के बाद शायद संबंधित रोजगार सेवक का माथा और खराब होने वाला है। आपको बता दे की मनरेगा में तमाम उपाय के बावजूद लूट खसोट थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक योजना को अलग-अलग नाम और मत से स्वीकृति देकर राशि की निकासी आम बात है। दरसल मामला लक्ष्मीपुर प्रखंड के नजारी पंचायत का है जहां रोजगार सेवक बिंदेश्वरी मंडल पदस्थापित हैं। मनरेगा के अंतर्गत साकल गांव में नरेश दास की जमीन से पारस सिंह के खेत तक पइन की सफाई कार्य की स्वीकृति दी गई थी। उक्त कार्य में जाब कार्ड धारी नरेश दास को आगे कर जाब कार्डधारियों से उसके खाते में हस्तांतरित राशि से कमीशन वसूलने का जिम्मा दिया गया। नरेश दास को यह कार्य कर पाने में एक-दो दिन विलंब हो गया तो पंचायत रोजगार सेवक बिंदेश्वरी मंडल का माथा खराब होने लगा। उसने फोन लगाकर नरेश दास को बहुत कुछ उल्टा सीधा कह डाला।
जिसके बाद नरेश दास ने जैसे तैसे 12 हजार का इंतजाम किया और बिंदेश्वरी मंडल के आवास पर पहुंच गया। जहां बिंदेश्वरी मंडल ने कनीय अभियंता द्वारा सुनाई गई खरी खोटी का हवाला देते हुए कहा कि ऊपर के लोगों को उसकी हिस्सेदारी दे देने से आदमी निश्चिंत हो जाता है। इसीलिए कमीशन का पैसा जब तक नहीं आ जाता है, उसका माथा खराब रहता है। अनावश्यक टेंशन हो जाता है। इन बातों के बीच वह वीडियो में बिंदेश्वरी मंडल नरेश दास से रुपया लेता है। रुपए की गिनती कर इत्मीनान हो लेता है कि सामने वाला व्यक्ति जितनी राशि होने की बात कह रहा वह है भी या नहीं। शेष राशि भी जल्द पहुंचा देने को लेकर कथित जाब कार्ड धारी पीआरएस को आश्वस्त करता है। इसके बाद हंसी के ठहाके गूंजते हैं और फिर वीडियो बनाने वाला जाब कार्डधारी उसके आवास से बाहर आ जाता है। इसके पहले वीडियो बनाने वाला व्यक्ति मुखिया जी से खुद ही सलट लेने का भरोसा रोजगार सेवक को देता है।