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सूर्यकुंड में सुबह 7 बजे से ही व्रतीयों ने अर्घ्य देना शुरू कर दिया था। हालांकि अधिकांश छठवर्तियों ने संध्या होने के बाद ही सूर्यकुंड घाट पर पहुंच भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। छठवर्ती सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करेंगे। सूर्यमंदिर में पूरे दिन एवं सूर्यकुंड में संध्या के समय आस्था का जनसैलाब उमड़ा रहा। देव के चारों तरफ केवल श्रद्धालु ही दिख रहे हैं।
जिला प्रशासन के अनुसार सूर्यकुंड तालाब में करीब 10 लाख व्रतियों ने अर्घ्य दिया है। देश प्रसिद्ध देव में कार्तिक छठ पूजा करने पहुंचे श्रद्धालुओं ने पवित्र सूर्यकुंड में अर्ध्य देने के बाद ऐतिहासिक व पौराणिक सूर्य मंदिर में दर्शन किए। रविवार को पूरे दिन सूर्य मंदिर में दर्शन करने, प्रसाद चढ़ाने व मुंडन कराने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही। श्रद्धालुओं की भीड़ कमी पर दर्शन का सिलसिला चलता रहा।
काफी मशक्कत के बाद पुलिसकर्मियों, स्काउट गाइड के बच्चे, एनसीसी के कैडेट एवं स्थानीय स्वयं सेवकों ने भीड़ को नियंत्रण में किया। भीड़ नियंत्रण को लेकर मंदिर परिसर में अधिकारी एवं पुलिस बल तैनात रहे। नियंत्रण कक्ष से सूर्यकुंड के घाट पर एवं सूर्य मंदिर परिसर में न बैठने, न खड़ा रहने की घोषणा की जा रही थी।