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वहीं शिक्षा विभाग के आदेश के खिलाफ रविवार को केदार भवन में शिक्षक संघ की बैठक हुई है। इस दौरान शिक्षा एवं शिक्षक विरोधी नीति के खिलाफ सभी पदाधिकारियों ने सहमति से संगठन का नाम ‘बिहार शिक्षक एकता मंच’ रखा है। इसके संयोजक बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप कुमार ‘पप्पू’ को बनाने की घोषणा की गई है। कार्यक्रम के रूपरेखा इस प्रकार से है, बिहार के तमाम नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा का बहिष्कार करेंगे। 5 फरवरी को प्रदेश के सभी प्रखंड मुख्यालयों पर परीक्षा से संबंधित विभागीय अनिवार्यता की प्रति जलाई जाएगी। 6 फरवरी को जिला मुख्यालयों में सभी संगठन एक संयुक्त बैठक आयोजित करेगा। 10 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में मसाल जुलूस निकालकर विरोध जताया जाएगा। 11 फरवरी को बिहार शिक्षक एकता मंच की ओर से पटना में एक समीक्षात्मक बैठक का आयोजन किया जाएगा और 13 फरवरी को बजट सत्र के दौरान बिहार विधानसभा के बाहर अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा।
शिक्षा विभाग के अपर प्रमुख सचिव केके पाठक के द्वारा नियोजित शिक्षकों के लिए शनिवार को एक नया आदेश जारी किया गया था। इसमें यह कहा गया था की कि अगर नियोजित शिक्षक तीन बार ली जाने वाली सक्षमता परीक्षा में नहीं बैठते हैं, तो इन्हें अपने नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। नौकरी बची रहे इसके लिए एक बार पास होना जरूरी है।