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वही एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन के वरिष्ठ केन्द्रीय निदेशक मनीष शर्मा ने मामले पर त्वरित संज्ञान लिया जिसके बाद यह बड़ी कारवाई हुई है। एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन बिहार टीम की ओर से वरिष्ठ स. प्रोजेक्ट अधिकारी मुकुंद कुमार चौधरी पुलिस एवं बच्चो के परिजन के साथ सीतामढ़ी से पंजाब मजदूरों को मुक्त करवाने गए। जिसके बाद सफलतापूर्वक बंधुआ मजदूरों को मुक्त करा लिया गया। जानकारी के अनुसार 4 माह पूर्व सीतामढ़ी जिला के सोनबरसा प्रखंड के कचहरी पुर गांव निवासी बिगन राय एवं उसका भाई जिनिश राय ने संयुक्त रूप से सुरसंड प्रखंड क्षेत्र के मेघपुर गांव से नाबालिग एवं वयस्क मजदूरों को अच्छी मजदूरी दिलाने का झांसा देकर पंजाब के कपूरथला जिला के सदर थाना स्थित पहलवान आलू फॉर्म ले गया।
जहां इन मजदूरों से एक दिन में 16 से 18 घंटे मजदूरी करवाया जाता था। साथ ही न इन्हे घर वापस आने दिया जाता था ना तो मजदूरी दी जाती थी। घर वापसी का गुहार लगाने पर जमकर मारपीट की जाती थी। मामला संज्ञान में आने पर एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन की टीम ने मजदूरो के परिवार का सहयोग कर सीतामढ़ी पुलिस से मजदूरों को मुक्त करवाने का अनुरोध किया। जिसके बाद मजदूरों के परिवार की शिकायत पर भिट्ठा थाना एवं महिला थाना में बिगन एवं जिनिश राय के विरुद्ध FIR दर्ज हुई। जिसके बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग से शिकायत कर नाबालिग बच्चो को मुक्त करवाने का अनुरोध किया गया।
आयोग के द्वारा मामले पर त्वरित संज्ञान लेते हुए एसएसपी, कपूरथला ( पंजाब) को शीघ्र बच्चो को मुक्त करवाने हेतु पत्र भेजा गया। जिसके बाद सीतामढ़ी पुलिस टीम ने एसोसिएशन फॉर वॉलंटरी एक्शन एवं पंजाब पुलिस के संयुक्त सहयोग से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन में 11 नाबालिग एवं 19 वयस्क कुल 30 मजदूरों को आलू फॉर्म से मुक्त करवाया गया। मुक्त मजदूरों में 22 सीतामढ़ी जिला एवं 8 नेपाल के मजदूर शामिल है। मुक्त होने के बाद मजदूरों एवं उनके परिवार में खुशी का माहौल है।