Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड सभागार कक्ष में 15 जनवरी 2024 की तिथि को प्रखंड प्रमुख मधुबाला देवी के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर हुई बैठक के दौरान वोटिंग मामले को लेकर 31 जनवरी 2024 की तिथि को जिला पदाधिकारी के द्वारा न्यायालय के निर्देश पर फिर मत पत्रों की गिनती के बाद, निर्णय के विरोध में शनिवार को प्रखंड कार्यालय चैनपुर बीपीआरओ कार्यालय में पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा जमकर हंगामा किया गया, बीपीआरओ मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।
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मौके पर मौजूद पंचायत समिति सदस्यों में बबीता देवी, धनवंती देवी, तेजा देवी, सुनैना कुमारी, रिंकू देवी, फिरोज खान, कन्हैया सिंह आदि लोगों ने बताया 15 जनवरी 2024 की तिथि को मधुबाला देवी प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान हुआ था, जिसमें 11 मत अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में थे जिसमें चैनपुर बीपीआरओ पीठासीन पदाधिकारी थे उनके द्वारा अविश्वास प्रस्ताव में प्रखंड प्रमुख की कुर्सी चले जाने की बात करते हुए सभी को पत्र जारी किया गया एवं प्रखंड प्रमुख के पद को रिक्त बताया गया, और जल्द मतदान की बात कही गई थी।
पंचायत समिति सदस्यों का कहना है कि 30 जनवरी को पत्र आया जिसमें दोबारा मत पत्रों की जांच की बात कही गई थी मत पत्रों की जांच के दौरान जो मत पत्र में क्रॉस के निशान लगाए गए थे वह प्लस चिन्ह के रूप में था, पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा आरोप लगाया जा रहा है 15 दिनों के अंदर बैलेट पेपर को बदलकर कार्य किया गया है।
पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा मांग की जा रही है अविश्वास प्रस्ताव पर दुबारा फिर से वोटिंग कराया जाए ताकि दूध का दूध पानी का पानी हो सके, उसके बाद मतों की गिनती करवाते हुए जो निर्णय होगा वह सबके लिए मान्य होगा, अगर उनकी मांगों को नहीं मांगा जाता है तो प्रखंड प्रमुख कार्यालय कक्ष में पंचायत समिति सदस्यों के द्वारा तालाबंदी की जाएगी।
जब इससे जुड़ी जानकारी चैनपुर प्रखंड बीपीआरओ मुकेश कुमार से लिए तो उनके द्वारा बताया गया 15 जनवरी को प्रखंड प्रमुख के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बैठक हुई थी बैठक में मतदान हुआ, मतदान में 11 वोट अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में थे, जिस कारण प्रखंड पर मुख्य कुर्सी जा रही थी, इस अविश्वास प्रस्ताव और मतदान को लेकर प्रखंड प्रमुख के पक्ष के लोगों के द्वारा न्यायालय में अपील दायर की गई, जिसका कारण था क्रॉस के निशान में कुछ भिन्नता, इसके बाद वहां से कैमूर जिला पदाधिकारी को जांच के आदेश मिले थे, 31 जनवरी को जांच में 11 मतों में एक मत अवैध माना गया, प्रखंड में पंचायत समिति सदस्यों की संख्या कुल 21 है, जबकि पंचायत समिति सदस्यों का 10 मत ही अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में है।