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ज्ञानेंद्र सिंह के द्वारा कहा गया कि यह बातें कोई नई नहीं है बहुत पहले से बात चल रही थी जब से राजद नेता जदयू को तोड़कर सरकार बनाने की कोशिश कर रहे थे। तभी से नीतीश ने बीजेपी में आने का मन बना लिया था। नीतीश की विचारधारा बीजेपी से मेल खाती है। बीजेपी-जेडीयू का नेचुरल गठबंधन था। अब तो बातचीत बहुत एडवांस स्टेज में पहुंच गई है। अगर नीतीश बीजेपी के साथ आ जाते हैं तो आगामी लोकसभा चुनाव में हम लोग बिहार में 40 की 40 सीटें जीतेंगे। पीएम मोदी और नीतीश कुमार एकदूसरे को पसंद करते हैं।
जेडीयू और आरजेडी के बीच मनमुटाव की अटकलें कई दिनों से चल रही थीं। बुधवार को राजनीति में परिवारवाद को बढ़ावा देने वाली पार्टियों पर नीतीश कुमार ने कटाक्ष किया था। माना जाता है कि उन्होंने अपरोक्ष रूप से लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा था। गुरुवार को सुबह से ही बिहार में सियासी घटनाक्रम तेजी से बदलने लगा। आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य ने ‘एक्स’ पर पोस्ट में ‘हवा की दिशा बदलने के साथ अपनी विचारधारा बदलने’ के लिए नितीश कुमार पर तंज कसा था। फिर दोपहर को बिहार कैबिनेट की बैठक महज 15 मिनट में खत्म हो गई। बैठक में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरियां दिखी थीं। तभी से बिहार में सियासत कभी गर्म है।