Bihar: कैमूर जिले के चैनपुर प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत अमांव पंचायत सरकार भवन एवं सार्वजनिक तालाब के पीछे जिला परिषद के माध्यम से निर्माण करवाएं गए सामुदायिक शौचालय के गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं, निर्माण पूरा हुए महज तीन माह पूर्ण हुए हैं मगर जगह-जगह प्लास्टर उखाड़ने के कगार पर पहुंच गया है, लोगों के द्वारा इस योजना में जमकर लूटपाट की बात बताई जा रही है।
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मामले में मिली जानकारी के मुताबिक ग्राम पंचायत अमांव के ग्राम अमांव में स्थित सार्वजनिक तालाब एवं पंचायत सरकार भवन के पीछे परती जमीन में चैनपुर उत्तरी क्षेत्र के जिला पार्षद अखिलेश कुमार चौरसिया के अनुशंसा पर जिला परिषद के फंड से सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुआ है, सामुदायिक शौचालय का निर्माण 15 वें वित्त आयोग निधि से की गई है, जिसकी कुल लागत 8 लाख 21 सौ रुपए है, निर्माण किए गए सामुदायिक शौचालय में कुल शौचालय की संख्या 5 है, प्रत्येक शौचालय की लंबाई 5 फीट जब की चौड़ाई 4 फीट के आसपास है, एवं एक बाथरूम बनाया गया है जिसकी चौड़ाई 4 फीट एवं लंबाई 6 फीट के आसपास है।
शौचालय निर्माण के दौरान उपयोग किए जाने वाले सामग्री बहुत ही निम्न वर्ग के बताए जा रहे हैं, जबकि 5 शौचालय के लिए 9 फीट लंबा एवं 5 फीट चौड़ा 6 फीट गहराई का एक टंकी बनाया गया है, सामुदायिक शौचालय के ऊपर ढलाई की गई है उसके ऊपर एक 500 लीटर प्लास्टिक की टंकी है एवं एक समरसेबल लगवाया गया है, यह सभी किए गए कार्य गुणवत्ता विहीन है, ग्रामीणों के द्वारा किए गए आकलन के मुताबिक पूरे सामुदायिक शौचालय के निर्माण में अधिकतम तीन लाख की राशि भी खर्च नहीं हुई है, जबकि योजना 8,02100 सौ रुपए की थी, शेष राशि लोगों के द्वारा गमन कर लिया गया है।
स्थानीय कुछ ग्रामीण अपना नाम न छापने को शर्त पर बताएं कि इस सामुदायिक शौचालय के निर्माण के दौरान जमकर लूटपाट हुई है शौचालय में उपयोग किए जाने वाले सभी सामग्री बिल्कुल ही घटिया किस्म के उपयोग हुए हैं, वर्ष 2024 अक्टूबर माह के आखिरी दोनों में निर्माण कार्य संपन्न हुआ है, निर्माण के कुछ दिन के बाद ही जगह-जगह प्लास्टर उखाड़ने की स्थिति में आ गई है, गनीमत यह है कि पंचायत के मुखिया के द्वारा ओपन जिम तालाब के बगल में निर्माण कराया जा रहा था, जिनके द्वारा शौचालय की घेराबंदी कर दी गई है एवं रंग रोगन करवा दिया गया है साथ ही सौंदर्यीकरण करवाया जा रहा है जिस वजह से शौचालय सही सलामत बचा हुआ है।
आपको बताते चलें कि जिला पार्षद अखिलेश चौरसिया के माध्यम से करवाए गए शौचालय निर्माण के दौरान इसका कार्यभार का जिम्मा स्थानीय दो ग्रामीणों के जिम्मे सौंप दिया गया था, स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा करवाया जा रहे काम के कारण गांव के लोग हस्तक्षेप नहीं कर पाए, इसका नतीजा यह हुआ कि शौचालय निर्माण में जमकर लूटपाट हुई है।
जब शौचालय निर्माण से संबंधित जानकारी लेने के लिए चैनपुर प्रखंड के उत्तरी भाग के जिला पार्षद अखिलेश कुमार चौरसिया जिनके अनुशंसा पर 15वें वित्त आयोग निधि जिसकी योजना संख्या- 96/2023/24 से शौचालय निर्माण करवाया गया है, जानकारी लेने के लिए फोन के माध्यम से प्रयास किया गया तो लगातार तीन बार फोन करने पर भी उनके द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।