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वही इन बातो के बिच विधायक मंडल ने एक सवाल पर कहा कि नीतीश कुमार तो भाजपा के साथ नहीं जाने की बात कही थी, क्या हुआ। तो गोपाल मंडल ने कहा हमारे नेता क्या करते। जिस इंडिया गठबंधन की नींव उन्होंने रखी। उसमें उन्हें कोई पूछ नहीं रहा था। बात तो प्रधानमंत्री प्रत्याशी तक बनाने की थी लेकिन संयोजक तक बनाने में कांग्रेस नेतृत्व कतरा रहा था। जिस खड़गे को कोई जानता नहीं था, उसे आगे किया गया।
ऐसे में नीतीश कुमार क्या करते। इधर राजद की तरफ से उनपर दबाव बनाया जा रहा था। हमारे नेता को एक सीमा तक झुकाया जा सकता। अभी उन्हें सूबे के लिए बहुत कुछ करना था। लेकिन अंदर ही अंदर कुछ और खिचड़ी पकाई जा रही थी। इसलिए सुशासन की सरकार देने के लिए भाजपा के साथ जाना जरूरी समझा। विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि उन्हें भी पटना बुलाया गया है। जदयू-भाजपा जब एक हो जाएंगे तो कैसा खतरा। सरकार बेहतर चलेगी। विधायक ने कहा कि जदयू-बीजेपी गठबंधन होने से राजद की नाराजगी का कोई असर नहीं होगा। विधि-व्यवस्था बेहतर रहेगी। लोकसभा चुनाव की तैयारी वह खुद बीते एक साल से कर रहे हैं। भागलपुर संसदीय सीट से वह चुनाव लड़ने का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने लोकसभा चुनाव लड़ने की अपनी इच्छा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर जता चुके हैं। फिर एक बार मिलकर उन्हें अपनी दावेदारी देंगे। क्योंकि भागलपुर सीट हम ही गठबंधन की झोली में ला सकते हैं।