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इस मामले के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए थानाध्यक्ष ललन कुमार ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। पीड़ित ने अपनी प्राथमिकी में बताया है की यह चंदन का पेड़ उनके पिता स्वर्गीय विशेश्वर सिंह ने लगाया था। शुक्रवार की सुबह जब वे फूल तोड़ने के लिए हाते पहुंचे तो देखा कि चंदन का पेड़ नहीं है और जिस जगह चंदन का वृक्ष था वहां के आसपास उक्त वृक्ष की कुछ टहनी व पत्ते बिखरे हुए हैं। पीड़ित परिवार इस घटना से काफी आहत है। चहारदीवारी के भीतर चंदन के साथ ही सम्मी का वृक्ष व अन्य फूल के भी पौधे हैं। यह चंदन का वृक्ष उनके आस्था से जुड़ा था। उनके घर के लोग इस वृक्ष की पूजा और इसके पत्ते व फूल का उपयोग पूजा के लिए करते थे।
वही पीड़ित अखिलेश्वर सिंह के भतीजे जन्मेजय सिंह ने बताया कि चोरी गए चंदन के पेड़ का तना का व्यास करीब 28 से 30 इंच होने का अनुमान है। लोगों का मानना है कि चोरों ने ठंड का फायदा उठाकर इस घटना को अंजाम दिया है। यहां के लोगों को वर्षों से यह ज्ञात है कि यह वृक्ष चंदन का था। क्षेत्रीय वन पदाधिकारी सियाराम शरण सिंह ने बताया कि वे अभी बाहर हैं। एक दो दिन के बाद पहुंचेंगे और नजदीक से ही देखने व जांच के बाद बताया जा सकता है कि वह चंदन का वृक्ष था या कुछ और