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मुख्यमंत्री ने सभी जाति वर्ग के लोगों के विकास के लिए काम किया है। वहीं मंत्री डा. अशोक चौधरी के द्वारा बचाओ करते हुए कहा कि ललन सिंह के बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया जा रहा है ताकि लोगों में भ्रम की स्थिति बनी रहे। ललन सिंह के कहने का अर्थ यह है कि हमने मुसलमानों के लिए जितना काम किया, उस हिसाब से जदयू को वोट नहीं मिल रहा है। इसका हमे दर्द है। जदयू को और मेहनत करने की जरूरत है। मेरा नेता न हिंदू है न मुसलमान है, न सिख है न ईसाई है। वे इंसान है। हमें किसी वकील की जरूरत नहीं है। जबकि भाजपा के हरिभूषण ठाकुर बचौल ने कहा कि यह सच है कि मुसलमानों को विकास से कोई मतलब नहीं है। वे विकास के नाम पर वोट नहीं करते हैं। वे 21वीं सदी में भी वक्फ बोर्ड की बात कर रहे हैं। जबकि दूसरी ओर राजद नेता अख्तरूल इस्लाम शाहीन ने कहा कि ललन सिंह जदयू से अधिक भाजपा के लिए काम कर रहे हैं। उनकी भाषा बता रही है कि वे भाजपा के हो गए हैं।
लोकसभा में भी उन्होंने वक्फ बिल का समर्थन किया था। जदयू के एक मंत्री इसी तरह भाजपा के हो गए हैं। ललन सिंह का समाज जदयू के साथ नहीं है। जदयू की अब कोई नीति नहीं रह गई है। वहीं एआइएमआइएम के अख्तरुल ईमान के द्वारा कहा गया की किसी धर्म विशेष को निशाना बनाना संविधान के खिलाफ है। ललन सिंह का चरित्र उजागर हो गया है। मुसलमानों की अनदेखी की जा रही है। हिम्मत है तो सरकार मुसलमानों के हित में किए गए कार्यो का श्वेत पत्र जारी करे। जबकि कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने कहा कि ललन सिंह सत्ता की भाषा बोल रहे हैं और यह ताेते की भाषा है। इन्हें संविधान के प्रति भाजपा को कोई लगाव नहीं। क्या ललन सिंह हर बूथ पर खड़े होते हैं जो उन्हे पता है कि मुसलमान वोट नहीं कर रहा है। वे इधर-उधर की बात करते हैं। वे छोटे आदमी हैं। सरकार को सबकी बात करनी चाहिए।