Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!
मामले से संबंधित मिली जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से फलेरिया के रोकथाम के डीईसी टैबलेट एवं कृमि के रोकथाम के लिए एल्बेंडाजोल टेबलेट बच्चों को शनिवार खिलाया गया, टैबलेट खिलाने के कुछ समय बाद ही कई विद्यालय में बच्चों को उल्टी एवं चक्कर आने की शिकायत सामने आने लगी, फिर एक के बाद एक करके कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई, विद्यालय में अफरातफरी का माहौल उत्पन्न हो गया स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों के द्वारा तत्काल नजदीकी सीएचसी में सूचना दी गई जहां से एंबुलेंस के माध्यम से जिन बच्चों की स्थिति खराब थी उन्हें इलाज के लिए भर्ती कराया गया।
वही इस घटना की सूचना पर कैमूर डीएम सावन कुमार सहित भभुआ, मोहनिया एसडीएम, अस्पतालों में पहुंचकर स्थिति का ज्यादा लेने लगे, हालांकि स्थिति हर जगह नियंत्रण में था मगर एक डर का माहौल उत्पन्न हो गया, भभुआ एसडीएम विजय कुमार के द्वारा बताया गया कृमि और फालेरिया की दवाई बच्चों को खिलाई जा रही थी, उसी में कुछ बच्चों को उल्टी और चक्कर आने लगा, जिन्हें सीएचसी में लाकर भर्ती कराया गया है, स्वास्थ्य विभाग की टीम से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कुछ बच्चों में इस तरह की शिकायत दवा खाने के बाद आती है, आराम करने के बाद यह समस्या स्वत: दूर हो जाती है, कुछ बच्चे दूसरे बच्चों को उल्टी करते देखकर भी डर गए हैं, जिसके कारण भी ऐसी समस्या उत्पन्न हुई है।
वहीं मेडिकल टीम के द्वारा बताया गया उल्टी और चक्कर आने से बच्चे घबरा गए हैं जो कि इस दवा को खाने के बाद सामान्यतः ज्यादातर बच्चों में देखने को मिलता है, कुछ समय के बाद स्थिति धीरे-धीरे खुद ही सामान्य हो जाती है, जो बच्चे इलाज के लिए पहुंचे हैं वह कुछ समय में ही सामान्य स्थिति में आ गए हैं, वहीं पूरे कैमूर में देर शाम तक एंबुलेंस के माध्यम से स्कूली बच्चों को अस्पताल में पहुंचने का सिलसिला जारी रहा, वहीं अस्पताल में पहुंचने के बाद धीरे-धीरे बच्चे खुद-ब-खुद सामान्य हो गए।